Sunday 8 February 2015

शुक्रिया

लम्हा लम्हा अब एक याद है,
तुम हो तो जीने में स्वाद है,
कहना था शुक्रिया, मेरी जान,
बस एक शुक्रिया । 

सुकून ऐसा मिटाये नहीं मिटता,
यार ऐसा, प्यार ऐसा, किस्मत 
कहिये वरना मिलाये नहीं मिलता । 

तेरी हंसी अब मेरे होठों पर आती है,
तेरी आवाज़ अब बातों में मेरे आती है । 

तू मिला तो राहत है,
तू मिला तो चाहत है,
रास आया हूँ ज़रा तुम्हे भी,
सो कहना था शक्रिया । 

दिल तो ले लिया, 
ये लफ्ज़ भी रख ही लो,
अब हमारे कहाँ दोनों,
प्यार की तालीम दी 
दोनों को आपने,
लो कह दिया शुक्रिया । 

प्यार करना तो जानते थे,
बरकरार रखना सिखाया,
इसलिए शुक्रिया, बस शुक्रिया । 

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